उत्तम सोच धर्म: आत्मा की निर्मलता की ओर
उत्तम सोच धर्म: आत्मा की निर्मलता की ओर
पaryushan Parv के शुभ अवसर पर उत्तम सोच धर्म का महत्व समझें। यह धर्म हमें लोभ रूपी मैल से मुक्त कर आत्मा को पवित्र बनाने की सीख देता है। लोभ को पाप का बाप कहा जाता है, और इसके प्रभाव में आकर व्यक्ति पाप की ओर अग्रसर हो जाता है। जो लोग सम-भाव और संतोष रूपी जल से इस लोभ को धोते हैं, वे संतोषी और शीलधर्मी कहलाते हैं। इन्हीं संतोषी लोगों को परम आनंद की प्राप्ति होती है।
जय जिनेंद्र!
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